मै अपने लेखन के माध्यम से सच को उजागर करने मे विश्वास करता हूँ झूटा दिखावा बनाबटीपन मुझे पसंद नही है , मै लेखन के माध्यम से दलित व कमजोर वर्ग के दर्द को उजागर करता हूँ जिससे इंसानियत जिन्दा रहे और इससे कुछ लोगों की मानसिकता को बदल सकूं यह मेरा सपना है । मै किसी विशेष विचारधारा को बढाबा ना देकर इंसानियत को बढाबा देता हूँ , मेरा मानना है इंसानियत है तो इन्सान है ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा :
मेरा जन्म 7 अगस्त 1999 को राजस्थान के करौली की मंडरायल तहसील के गाँव गुरदह के एक गरीब परिवार मे हुआ , मेरी माता का नाम नैनीबाई है और पिता का नाम कमरसिंह मीना है हम तीन बहन भाई है मुझसे छोटा एक भाई है और मुझसे बडी एक बहन है ।
मेरी प्रारंभिक शिक्षा मेरे गाँव गुरदह के ही सरकारी विध्यालय से पूरी हुई है मुझे विध्यालय मे शिक्षकों ने होशियार वर्ग मे रखा था । मैने आगे की पढाई के लिये करौली के कोटा यूनिवर्सिटी के सरकारी महाविध्यालय से बैचलर ऑफ़ आर्ट की पढाई की है , आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आगे की पढाई नही कर सका ।
जीवन वृत्ति : मैने अपना जीवन स्वतंत्र पत्रकारिता के साथ शुरु किया था और अब में कविताएँ और नई नई रचनाएं लिखता हूँ । पत्रकार के तौर पर मेरी खबरें डिजिटल संस्करण अखबार दैनिक लोकतंत्र ( उदयपुर के राजसमन्द से प्रकाशित होता है ) , वेलकम इंडिया ( उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से प्रकाशित होता है ) सहित कई अखबारों मे प्रकाशित होती है व मेरी रचनाएँ भी कई न्यूज़पेपरो मे प्रकाशित होती है ।
मेरी तीन रचनाएँ ' लोग है ना ' , ' मेरी मंजिल ' , ' कुछ करे ' श्री नर्मदा प्रकाशन द्वारा निर्मित काव्य संग्रह " काव्य अक्षत " में प्रकाशित है ।
स्वतंत्र लेखन : स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कई वेबसाइट पर अपना स्वतंत्र लेखन करता हूँ जैसें My Voice Opindia , Youth Ki Awaaz , व Dailyhunt पर अपनी खबरें प्रकाशित करता हूँ । सर्किल ऐप्प पर मेरे अब तक 2 करोड से भी अधिक पढने वाले हो चुके है । मैने क्षेत्रीय समस्याएँ उठाने के लिये व दलित कमजोर लोगों की आवाज उठाने के लिये The Gramin Times ब्लॉग बनाया है जिसके माध्यम से लगातार मे आवाज उठा रहा हूँ ।
कवितायें लेखन : मुझे आप कविशाला पर पढ़ सकते है जहाँ मुझे वेरिफाइड किया गया है कविशाला पर कोई भी हमे पढ़ सकता है । इसके अलावा भी गूूूगल पर आप मेरे नाम ' जीतेन्द्र गुरदह ' व जीतेन्द्र मीना गुरदह के नाम से सर्च कर सकते है जिसके परिणाम आपके सामने आ जायेंगे ।
अमर उजाला की सहयोगी वेबसाइट अमर उजाला काव्य पर भी आप मेरी रचनाएँ पढ़ सकते है
0 Comments