कड़वी है
मगर सच्चाई है
आप दूसरे को
सुखी नहीं देख सकते
मगर खुद
सुखी रहना चाहते हो ,
सुनने में
बुरा लगेगा
मगर हकीकत है
अब चाहे तुम
मुझे गालियाँ दे दो ,
सच को स्वीकारना
आता है मुझे ,
ये आपकी और
समाज की सच्चाई है ।
© जीतेन्द्र मीना ' गुरदह '
कड़वी है
मगर सच्चाई है
आप दूसरे को
सुखी नहीं देख सकते
मगर खुद
सुखी रहना चाहते हो ,
सुनने में
बुरा लगेगा
मगर हकीकत है
अब चाहे तुम
मुझे गालियाँ दे दो ,
सच को स्वीकारना
आता है मुझे ,
ये आपकी और
समाज की सच्चाई है ।
© जीतेन्द्र मीना ' गुरदह '
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