कविता शीर्षक : कुछ करें
कुछ तुम सोचो , कुछ हम सोचे ,
कुछ तुम करो , कुछ हम करे ।
कुछ लोग सोचेंगे, कुछ लोग करेंगे ,
कुछ ये भी सोचेंगे, कुछ वो भी करेंगे ।
कुछ जरूरतें तुम पूरा करो ,
कुछ जरूरतें हम पूरा करेंगे ।
कुछ कमियाँ बगियाँ के पौधे पूरा करेंगे ,
कुछ कमियाँ नन्ही चिडिया पूरा करेगी ।
कुछ कमियाँ आपके चाहने वाले पूर करेंगे ,
कुछ कमियाँ दिल मे बसाने वाले पूरा करेंगे ।
कुछ कमियाँ आपकी मेहनत पूर करेगी ,
कुछ कमियाँ आपके कर्म पूरा करेंगे ।
हम ज्यादा नही करेंगे कुछ कमियाँ पूरा करके,
कुछ कमियाँ दूर करके खुशनुमा दुनिया बनायेंगे ।।
लेखक / कवि : © जीतेन्द्र मीना ' गुरदह '
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